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लोबा दो पिया मोबाईल , पडोसन दो दो धरे
राखी कैसेट छतरपुर के माध्यम से जवाबी लोग गीत
जिसके कलाकार है
बलराम यादव , सीमा भारती
नयिका बोल - ये कहा जा रहे सुनो तो , हमे मोबाईल तो लिबवा दो
नायक - मोबाईल आ लेने तुम्हे ,
नयिका बोल - अब सब लो है हम लो नईया , ईसे हम कह रहे
गीत –
नयिका बोल - लोबवा दो पिया मोबाईल, लोबवा दो पिया मोबाईल
पडोसन रो रो धरे ,
लोबा दो पिया मोबाईल , पडोसन दो दो धरे ,
नायक बोल - मोबाईल तो लिबवा देते ,लेकिन एक परेशानी है
पर गई सूखा की साल , पर गई सूखा की साल
धना हम कैसो करे ,
पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे ,
नयिका बोल – अब हम बताये ईसे लेने हमे मोबाईल ,
मिलत नही मायेके की खबरे , मिलत नही मायेके की खबरे
लेदो आज जभई हम सपरे ,
नई , हुइये बुरो बवाल , नई , हुइये बुरो बवाल
पडोसन दो – दो धरे
पिया लेदो हमे मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायक – अरी घर को अभई चलत नई खर्चा , हा घर को अभई चलत नई खर्चा
बंद करो मोबाईल की चर्चा , बंद करो री मोबाईल की चर्चा
( नायक वर्तालाप - तुम्हे मोबाईल की पडी के अते दानो तो खये खे नईआ ,
नायिका - हमे तो मोबाईल चाने चाए होवे दानो खाबे चाए ना होये )
नायक - मोलो पईसा नईआ लाल धना हम कैसो करे
पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे ,
नायिका वर्तालाप – सुनो हमे ईसे चाने ,
गीत - प्यारी लगत फोन पे बाते , प्यारी लगत फोन पे बाते
होत रात है सब सब राते , होत रात है सब सब राते
मिस्कोल देत है घाल , कि मिस्कोल देत है घाल
पडोसन दो – दो धरे ,
पिया लेदो हमे मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायक वर्तलप - अब हमने मोबाईल लोबोआ दओ तोम्हाये लाने , तो तुम्हे जाने कीहे कीहे फोन करने
तुम्हे मायके तो कम करने , लेकिन रात खे जब बो फ्री सो नई हो जात , तुम्हे अपने यारन खे आ करने , रात भर नई सोने
सो ईसे नई लोबा सकत
नायिका – कोऊ खे नई करे
नायक – अरे तुम , होत ना कुट्की समा लथारा , अरी होत ना कुट्की समा लथारा
सोसन मे हल गओ कथारा , सोसन मे हल गओ कथारा
एसऊ, एसऊ है उनाई को हाल ,
नायक वर्तालाप – देखले कछू नई भओ , स्याई मे , बस काये मे कछू नई भओ , सब सूख गओ तो
सुखा के कारन ,
और ऐसई अब ई उनाई को हाल आ हे , एसऊ है उनाई को हाल
धना हम कैसो करे,
पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे
नाइका वर्तालाप - अब हमने मोबाईल की कई तो तुम कह रए की सूखा की साल पर गई
औरन खे कैसे लोबा रए ,
नायिका – छैला से कत्ते परसाले, छैला से कत्ते परसाले
घर मे तो आ जान दे बाले , ले देओ बेच खे माल
के ले देओ बेच खे माल, पडोसन दो – दो धरे
लेबोआ दो पिया मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायक वर्तालाप – अब ते कहरई
नायिका – एये ड्ग से बोलो , मोबाईल की आ कई , कछू और की नोही के रए
नायक – हू....... मोबाईल तो ...............नई लेने , मोबाईल तो हम लोबोआ खे रेये ,
मानत काये नइया हट की , मानत काये नइया हट की
छैला प्राण भिदे ह घुटकी
नायक वर्तालाप - मरत तो जा रए ओर ते कह रई मोबाईल लेबादे
नाईका वर्तालाप – तुम मोबाईल ना लेओ तो हम तुम्हे घुट्की ओर मसक खे लिबा लेहे ,
नायक - मानत काये नइया हट की , छैला प्राण भिदे ह घुटकी
खाबे को अभे सबाल , धना हम कैसो करे
पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे
नायिका - लेबोआ दो पिया मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
लेबोआ दो पिया मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायिका - पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे
नायिका - लेबोआ दो पिया मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायिका - पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे
राखी कैसेट छतरपुर के माध्यम से जवाबी लोग गीत
जिसके कलाकार है
बलराम यादव , सीमा भारती
नयिका बोल - ये कहा जा रहे सुनो तो , हमे मोबाईल तो लिबवा दो
नायक - मोबाईल आ लेने तुम्हे ,
नयिका बोल - अब सब लो है हम लो नईया , ईसे हम कह रहे
गीत –
नयिका बोल - लोबवा दो पिया मोबाईल, लोबवा दो पिया मोबाईल
पडोसन रो रो धरे ,
लोबा दो पिया मोबाईल , पडोसन दो दो धरे ,
नायक बोल - मोबाईल तो लिबवा देते ,लेकिन एक परेशानी है
पर गई सूखा की साल , पर गई सूखा की साल
धना हम कैसो करे ,
पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे ,
नयिका बोल – अब हम बताये ईसे लेने हमे मोबाईल ,
मिलत नही मायेके की खबरे , मिलत नही मायेके की खबरे
लेदो आज जभई हम सपरे ,
नई , हुइये बुरो बवाल , नई , हुइये बुरो बवाल
पडोसन दो – दो धरे
पिया लेदो हमे मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायक – अरी घर को अभई चलत नई खर्चा , हा घर को अभई चलत नई खर्चा
बंद करो मोबाईल की चर्चा , बंद करो री मोबाईल की चर्चा
( नायक वर्तालाप - तुम्हे मोबाईल की पडी के अते दानो तो खये खे नईआ ,
नायिका - हमे तो मोबाईल चाने चाए होवे दानो खाबे चाए ना होये )
नायक - मोलो पईसा नईआ लाल धना हम कैसो करे
पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे ,
नायिका वर्तालाप – सुनो हमे ईसे चाने ,
गीत - प्यारी लगत फोन पे बाते , प्यारी लगत फोन पे बाते
होत रात है सब सब राते , होत रात है सब सब राते
मिस्कोल देत है घाल , कि मिस्कोल देत है घाल
पडोसन दो – दो धरे ,
पिया लेदो हमे मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायक वर्तलप - अब हमने मोबाईल लोबोआ दओ तोम्हाये लाने , तो तुम्हे जाने कीहे कीहे फोन करने
तुम्हे मायके तो कम करने , लेकिन रात खे जब बो फ्री सो नई हो जात , तुम्हे अपने यारन खे आ करने , रात भर नई सोने
सो ईसे नई लोबा सकत
नायिका – कोऊ खे नई करे
नायक – अरे तुम , होत ना कुट्की समा लथारा , अरी होत ना कुट्की समा लथारा
सोसन मे हल गओ कथारा , सोसन मे हल गओ कथारा
एसऊ, एसऊ है उनाई को हाल ,
नायक वर्तालाप – देखले कछू नई भओ , स्याई मे , बस काये मे कछू नई भओ , सब सूख गओ तो
सुखा के कारन ,
और ऐसई अब ई उनाई को हाल आ हे , एसऊ है उनाई को हाल
धना हम कैसो करे,
पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे
नाइका वर्तालाप - अब हमने मोबाईल की कई तो तुम कह रए की सूखा की साल पर गई
औरन खे कैसे लोबा रए ,
नायिका – छैला से कत्ते परसाले, छैला से कत्ते परसाले
घर मे तो आ जान दे बाले , ले देओ बेच खे माल
के ले देओ बेच खे माल, पडोसन दो – दो धरे
लेबोआ दो पिया मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायक वर्तालाप – अब ते कहरई
नायिका – एये ड्ग से बोलो , मोबाईल की आ कई , कछू और की नोही के रए
नायक – हू....... मोबाईल तो ...............नई लेने , मोबाईल तो हम लोबोआ खे रेये ,
मानत काये नइया हट की , मानत काये नइया हट की
छैला प्राण भिदे ह घुटकी
नायक वर्तालाप - मरत तो जा रए ओर ते कह रई मोबाईल लेबादे
नाईका वर्तालाप – तुम मोबाईल ना लेओ तो हम तुम्हे घुट्की ओर मसक खे लिबा लेहे ,
नायक - मानत काये नइया हट की , छैला प्राण भिदे ह घुटकी
खाबे को अभे सबाल , धना हम कैसो करे
पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे
नायिका - लेबोआ दो पिया मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
लेबोआ दो पिया मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायिका - पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे
नायिका - लेबोआ दो पिया मोबाईल , पडोसन दो – दो धरे
नायिका - पर गई सूखा की साल , धना हम कैसो करे